"उत्सव के रंग" ब्लॉग का आज शुभारम्भ हुआ है. इसके नाम से ही जाहिर है कि इस ब्लॉग पर भारतीय संस्कृति की उत्सवी परंपरा का रेखांकन किया जायेगा. पर्व-त्यौहार, संस्कृति और उसके लोकरंजक तत्वों को इस ब्लॉग के माध्यम से पेश करने का मूल उद्देश्य लोगों विशेषकर युवा पीढी को इनमें निहित जीवन-मूल्यों का अहसास करना है. आज त्यौहारों की भावना गौड़ हो गई है, दिखावटीपन प्रमुख हो गया है.जरुरत है हम अपनी उत्सवी परंपरा की मूल भावनाओं की ओर लौटें....इसी कड़ी में कृष्ण कुमार यादव~आकांक्षा संग प्रस्तुत है "उत्सव के रंग" !!
उत्सव के रंग...
भारतीय संस्कृति में उत्सवों और त्यौहारों का आदि काल से ही महत्व रहा है। हर संस्कार को एक उत्सव का रूप देकर उसकी सामाजिक स्वीकार्यता को स्थापित करना भारतीय लोक संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता रही है। भारत में उत्सव व त्यौहारों का सम्बन्ध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर समभाव से है और हर त्यौहार के पीछे एक ही भावना छिपी होती है- मानवीय गरिमा को समृद्ध करना। "उत्सव के रंग" ब्लॉग का उद्देश्य पर्व-त्यौहार, संस्कृति और उसके लोकरंजक तत्वों को पेश करने के साथ-साथ इनमें निहित जीवन-मूल्यों का अहसास कराना है. आज त्यौहारों की भावना गौड़ हो गई है, दिखावटीपन प्रमुख हो गया है. ऐसे में जरुरत है कि हम अपनी उत्सवी परंपरा की मूल भावनाओं की ओर लौटें. इन पारंपरिक त्यौहारों के अलावा आजकल हर दिन कोई न कोई 'डे' मनाया जाता है. हमारी कोशिश होगी कि ऐसे विशिष्ट दिवसों के बारे में भी इस ब्लॉग पर जानकारी दी जा सके. इस उत्सवी परंपरा में गद्य व पद्य दोनों तरह की रचनाएँ शामिल होंगीं !- कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव (ब्लॉग संयोजक)
8 टिप्पणियां:
Bahut sundar...apke is prayas ka swagat hai.
इस ब्लॉग के माध्यम से पेश करने का मूल उद्देश्य लोगों विशेषकर युवा पीढी को इनमें निहित जीवन-मूल्यों का अहसास करना है.....Sargarbhit prayas.
We welcome this new Blog .
उत्सवों के रंगों पर आपके इस ब्लॉग का हार्दिक स्वागत है.
यह अच्छा ब्लॉग बनाया आपने..स्तुत्य है.
NICE BLOG.
संस्तुत्य प्रयास
365 बधाईयाँ
व्रत एवं त्योंहारो का स्वास्थ्य परक विश्लेषण
समय समय पर भेजता रहूँगा
एक टिप्पणी भेजें