उत्सव के रंग...

भारतीय संस्कृति में उत्सवों और त्यौहारों का आदि काल से ही महत्व रहा है। हर संस्कार को एक उत्सव का रूप देकर उसकी सामाजिक स्वीकार्यता को स्थापित करना भारतीय लोक संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता रही है। भारत में उत्सव व त्यौहारों का सम्बन्ध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर समभाव से है और हर त्यौहार के पीछे एक ही भावना छिपी होती है- मानवीय गरिमा को समृद्ध करना। "उत्सव के रंग" ब्लॉग का उद्देश्य पर्व-त्यौहार, संस्कृति और उसके लोकरंजक तत्वों को पेश करने के साथ-साथ इनमें निहित जीवन-मूल्यों का अहसास कराना है. आज त्यौहारों की भावना गौड़ हो गई है, दिखावटीपन प्रमुख हो गया है. ऐसे में जरुरत है कि हम अपनी उत्सवी परंपरा की मूल भावनाओं की ओर लौटें. इन पारंपरिक त्यौहारों के अलावा आजकल हर दिन कोई न कोई 'डे' मनाया जाता है. हमारी कोशिश होगी कि ऐसे विशिष्ट दिवसों के बारे में भी इस ब्लॉग पर जानकारी दी जा सके. इस उत्सवी परंपरा में गद्य व पद्य दोनों तरह की रचनाएँ शामिल होंगीं !- कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव (ब्लॉग संयोजक)

रविवार, 16 मार्च 2014

होली के रंग कुछ कहते हैं



रंग हमारे जीवन में बड़े महत्वपूर्ण हैं। ये हमारे स्वास्थ्य और मूड को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। हमारे आसपास यूं तो कई रंग हैं, पर ये चाहे-अनचाहे हम पर अपना असर डालते ही हैं। दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने इस मामले पर कई शोध किए हैं और पाया है कि रंग इतने प्रभावशाली हैं कि बीमारियों की रोकथाम तक में सहायक हैं। तभी तो कलर थेरेपी आज इतनी कारगर सिद्ध हो रही है। तो आप भी अपने जीवन को इन रंगों को भर लीजिए और उठाइए इन रंगों का लाभ:

प्लेट में सजे नए रंग

लाल रंग के फल-सब्जियों में यह रंग लाइकोपीन नाम के पोषक तत्व के कारण आता है। यह कैंसर की रोकथाम में सबसे अधिक कारगर है। इसके लिए सेब, स्ट्राबेरी, लाल मिर्च, बेरी, टमाटर, तरबूज आदि का सेवन करें। संतरी या पीले रंग वाली फल-सब्जियां बेटा-केरोटीन से युक्त होती हैं। यह आंखों और त्वचा के लिए अच्छे माने जाते हैं। गाजर, आम, शकरकंद, कद्दू, पपीता, पाइनएपल, पीच आदि को भी अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। हरे रंग के फल-सब्जियों में एंटीऑक्सिडेंट्स और फोटोकेमिकल्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कैंसर की रोकथाम में सहायक हैं। इसके लिए ब्रोकली, पालक, बंदगोभी, शिमला मिर्च, बीन्स आदि का सेवन करें।

वार्डरोब भी रंगो भरा हो

पश्चिम में लाल रंग को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसे सेक्सुअल कलर माना जाता है। लेकिन हमारे देश में यह रंग मां दुर्गा का रंग है। उन्हें हमेशा लाल रंग की साड़ी में ही दिखाया जाता है। यह पवित्रता का सूचक है। इसे विवाह के लिए उपयुक्त माना जाता है। लाल रंग का सिंदूर भी तो पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते का सूचक होता है। लिपस्टिक, नेल पॉलिश में इसका प्रयोग लोकप्रिय है। इसे पहनने से आप भीड़ से अलग नजर आएंगी।

पीला रंग उल्लास और ऊर्जा का प्रतीक है। पर इस रंग की खासियत है इसका हीलिंग पॉवर। हल्दी जो पीली होती है, उसे हमारे देश में सौंदर्य बढ़ाने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है। इससे दिमाग अधिक क्रियाशील रहता है। यह रंग ध्यान आकर्षित करता है। आप पीला रंग न पहनना चाहें तो किसी अन्य रंग के साथ कांबीनेशन में इसे पहन सकती हैं।

नीला रंग तो शक्ति और जीवन का प्रतीक है। चूंकि पानी भी पारदर्शी होता है इसलिए नीले रंग को पारदर्शी रंग माना जाता है। भगवान कृष्ण का यह मनपसंद रंग रहा है और इस साल यह रंग सबसे ज्यादा फैशन में है। तो इस रंग को अपने वॉर्डरोब का हिस्सा बनाने से हिचके नहीं। इस रंग को पहनकर आप स्टाइलिश भी दिखेंगी और खूबसूरत भी।

हरा रंग प्रकृति का रंग है। यह आंखों को सुकून प्रदान करता है। आप गर्मी के मौसम में हरा रंग खूब पहनें। 

ये भी आजमा सकती हैं

आप एक्सेसरीज के रूप में भी तरह-तरह के रंगों को अपने वॉर्डरोब का हिस्सा बना सकती हैं। आप एक गाढ़े रंग का बैग लें। ऐसा बैग जो आपकी पर्सनैलिटी से सूट करता हो। इस समय फैशन में नीला, ब्राइट ब्राउन और काला रंग है। गर्मियां आ रही हैं। इसलिए आपका सनग्लास ज्वेल टोन शेड वाला जैसे पर्पल, ब्ल्यूबेरी या  आरेंज रंग में हो सकता है। पैंट्स, लैगिंग्स, स्कर्ट आदि के साथ ब्राइट रंग के सैंडिल्स पहनें। आजकल लांग बूट्स भी फैशन में हैं। रंगों के साथ प्रयोग करने में हिचके नहीं। हिचक टूटेगी और आप फैशनेबल दिखेंगी।

जीवन में ऐसे भरे नए रंग

अगर काम की व्यस्तता के बीच आप दोनों एक-दूसरे को समय नहीं दे पाते, हैं तो एक दिन सारे काम छोड़कर बाहर घूमने जाएं। सिर्फ आप दोनों। क्योंकि आपको एक-दूसरे की पसंद-नापसंद पता है इसलिए सरप्राइज प्लान कर सकती हैं। ज्यादा कुछ नहीं करना चाहती हैं तो फिल्म देखने और साथ शॉपिंग करने से भी बात बन सकती है। एक-दूसरे से जब भी बात करें, तो उसमें शिकवे-शिकायतों को न आने दें। हंसी-मजाक हो, तारीफ हो। अगर कभी कोई बात बुरी लगती है तो उसे हल्के में लें। जीवन को भारी-भरकम बनाकर जीने से क्या फायदा? दिल में कोई बात है तो उसे हल्के माहौल में शेयर करें। रोमांस न खत्म होने दें। प्यार बना रहेगा तो ही रिश्ता खूबसूरत लगेगा। इसलिए रोमांस के लिए समय तो आपको खुद ही निकालना होगा। साथ बैठकर बातें करें। हर मसले पर बात करें। भविष्य की योजनाओं से लेकर आज की कशमकश तक। अगर बातचीत होती रही तो एक-दूसरे को ज्यादा समझेंगी और रिश्ते में दूरियां नहीं आएंगी। नौकरीपेशा हैं तो परिवार के साथ भी इस साल ज्यादा समय बिताएं। बच्चों के साथ घूमने जाएं और उनसे बातें करें। अगर बच्चे बड़े हैं तो आप उनसे अपनी समस्याओं को शेयर कर सकती हैं। इससे बच्चे और आपके बीच का रिश्ता और मजबूत होगा। आपसी विश्वास बढ़ेगा और जिंदगी पहले से कहीं ज्यादा रंगीन हो जाएगी।


रंगों का महत्व
लाल रंग को सभी रंगों में से सबसे अधिक चटक रंग माना जाता है। व्यायाम के समय इस रंग के कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह स्फूर्ति प्रदान करने वाला रंग माना जाता है। लेकिन इस रंग के अत्यधिक प्रयोग के कई खराब परिणाम हो सकते हैं जैसे तनाव या गुस्सा। 

ज्यादातर स्माइली पीले रंग की ही होती हैं। इसका कारण यह है कि पीला रंग हमारे दिमाग में सेरोटोनिन नामक केमिकल बनने के लिए जिम्मेदार है, जिससे हम खुश रहते हैं। कई शोध यह साबित करते रहे हैं कि पीला रंग हमारी एकाग्रता को बढ़ाता है पर इसके अत्यधिक प्रयोग से हमें चक्कर आ सकता है और जहां इसका ज्यादा प्रयोग हुआ हो, वहां लोगों को अधिक गुस्सा आता देखा गया है। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है।
नीले रंग का प्रयोग रचनात्मकता को बढ़ाता है। यह दिमाग में ऐसे केमिकल रिलीज करने में मददगार है, जिससे हम रिलैक्स होते हैं। यह भोजन का रंग नहीं है, इसलिए कई शोध यह साबित कर चुके हैं कि इस रंग का खाना परोसने पर लोगों को खाने की इच्छा ही नहीं हुई। यानी रचनात्मकता बढ़ाने के लिए इस रंग को अपनाएं।

काला रंग शक्ति और स्वामित्व का प्रतीक है। यह ज्ञान और बुद्धिमता को दर्शाने वाला है। यह फैशन इंड्रस्टी का प्रमुख रंग है। हालांकि इसे गुस्से वाला रंग माना जाता रहा है।

सफेद रंग को सबसे प्राकृतिक रंग माना जाता है। ज्यादातर बच्चों के उत्पाद इसी रंग में आते हैं। इसे मासूमियत और सफाई का प्रतीक माना जाता है। इस रंग को डॉक्टर प्रयोग करते हैं।

हरे रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है। यह तनाव कम करने वाला और राहत देने वाला रंग है। यह हाइजीन और जल्द रिकवरी करने वाला माना जाता है इसलिए अधिकतर अस्पतालों में हरे रंग का प्रयोग दिखता है। आंखों को भी यह रंग सुकून देता है।

साभार : हिंदुस्तान 

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