
वस्तुत: शास्त्रोक्त विधि से किया हुआ श्राद्ध ही सर्वविधि कल्याण प्रदान करता है। अत: प्रत्येक व्यक्ति को श्रृद्धापूर्वक शास्त्रोक्त विधि से श्राद्ध सम्पन्न करना चाहिए। जो लोग शास्त्रोक्त समस्त श्राद्धों को न कर सकें, उन्हें कम से कम आश्विन मास में पितृगण की मरण तिथि के दिन श्राद्ध करना चाहिए। भाद्र शुक्ल पक्ष, पूर्णिमा से पितरों का दिन आरम्भ हो जाता है। जो सर्व पितृ विसर्जन अमावस्या तक रहता है। यद्यपि प्रत्येक अमावस्या पितरों की पुण्य तिथि होती है मगर आश्विन मास की अमावस्या पितरों के लिए परम फलदायी मानी गई है। इस अमावस्या को सर्व पितृ विसर्जनी अमावस्या अथवा महालया के नाम से भी जाना जाता है। जो व्यक्ति पितृपक्ष के पन्द्रह दिनों तक श्राद्ध तर्पण आदि नहीं कर पाते अथवा जिन पितरों की मृत्यु तिथि याद न हो, उन सबके निमित्त श्राद्ध, तर्पण, दान आदि इसी अमावस्या को किया जाता है। शास्त्रीय मान्यता है कि अमावस्या के दिन पितर अपने पुत्रादि के द्वार पर पिण्डदान एवं श्राद्ध आदि की आशा से आते हैं। यदि उन्हें वहाँ पिण्डदान या तिलांजलि आदि नहीं मिलती, तो वे अप्रसन्न होकर चले जाते हैं। जिससे जीवन में पितृदोष के कारण अनेक कठिनाइयों और विघ्न बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
सनातन धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व है। यूं तो पूरे आश्विन कृष्ण पक्ष में हर दिन पितरों का निमित पिंडदान करना चाहिए, लेकिन 15 अक्टूबर को पितृपक्ष के दौरान सोमवार को बने सोमवती अमावस्या योग में सर्वपितृ श्राद्ध करना अतिशुभ है। ऐसी मान्यता है की सोमवती अमावस्या के दिन ज्ञात और अज्ञात तिथियों में मृत हुई आत्माओं का श्राद्ध करना शुभ होता है। शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख हैं कि अकाल मृत्यु वालों की अमावस्या के दिन गति करवाने से उस आत्मा को मुक्ति मिलती है, इसलिए श्राद्ध की अमावस्या को पितरों की तिथि के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गच्छ छाया में तर्पण करने का विशेष मुहूर्त है। इसमें पिंडदान के साथ साथ योग्य ब्राह्मण को यथाशक्ति भोजन, फल, वस्त्र व इच्छानुसार दान जरूर देना चाहिए। सर्वपितृ अमावस्या के शुभ दिन स्नान दान का भी विशेष महत्व है। इस दिन हरिद्वार, पिहोवा व गया जैसे धार्मिक् तीर्थ स्थलों में पितरों का निमित पिंडदान करने के लिए प्रदेश के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं।
1 टिप्पणी:
जानकारीप्रद आलेख...उत्सव के रंग पर काफी जानकारियां हैं.
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