सावन मास आज 27 जुलाई से आरंभ हो गया और 24 अगस्त तक रहेगा। सावन मास को श्रावण भी कहा जाता है। यह महीना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दौरान भक्ति, आराधना तथा प्रकृति के कई रंग देखने को मिलते हैं। यह महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष माना जाता है। ऐसा मन जाता है कि इस मास में विधिपूर्वक शिव उपासना करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है। सावन मास कि अपनी महत्ता है. इसी सावन मास के दौरान ही कई प्रमुख त्योहार जैसे- हरियाली अमावस्या, नागपंचमी तथा रक्षा बंधन आदि भी आते हैं। सावन में प्रकृति अपने पूरे शबाब पर होती है इसलिए यह भी कहा जाता कि यह महीना प्रकृति को समझने व उसके निकट जाने का है। सावन की रिमझिम बारिश और प्राकृतिक वातावरण बरबस में मन में उल्लास व उमंग भर देती है। सावन में ही महिलाएं कजरी-गायन कर खूब रंग बिखेरती हैं। सावन का महीना पूरी तरह से शिव तथा प्रकृति को समर्पित है.
वन्दे देव उमा पतिम् सुरगुरुम् ।
वन्दे जगत कारणम् ।
वन्दे पन्नग भूषणम्मृगधरम् ।
वन्दे पशुनाम पतिम ।
वन्दे सूर्य शशांक वन्हिनयनम् ।
वन्दे मुकन्द प्रियम् ।
वन्दे भक्तजनाश्रयन्चवर्धम् ।
वन्दे शिवम् शंकरम् ।। ।। जय शंकर ।।।।
जय भोले नाथ ।।
भगवान शिव का नमन करते हुए आपको श्रावण मास के इस पावन पर्व पर हार्दिक बधाई।
6 टिप्पणियां:
हम तो काशी के पडोसी हैं...जय भोले नाथ की.
श्रावण मास के इस पावन पर्व पर हार्दिक बधाई।
हर हर महादेव ...
श्रावण मास के इस पावन पर्व पर हार्दिक बधाई।
आपको भी बहुत बहुत बधाई !
सावन की तो बात ही निराली है...सुन्दर पोस्ट.
सावन तो आ गया, पर बारिश जोरदार नहीं हुई..अभी भी इंतजार है.
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